preetigupta9030 / Raj

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Poem #3

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भ्रष्टाचार का अंधकार दूर कर,सपनों का एक नया भारत बनाएं, विकास की ऊँचाइयों को छूने का जोर,सबको मिले विकल्प, समृद्धि का डोर।

सत्य और ईमान का बना राज, व्यक्ति के अधिकार का हो आदान-प्रदान, शिक्षा का हो प्रसार, समृद्धि का बढ़े आकार, सपनों का हो समान।

समृद्धि की ओर, हम सब मिलकर बढ़ें, करें भ्रष्टाचार का विरोध, विकसित भारत की ओर बढ़ें।

नेता, अधिकारी, व्यापारी, सब यहाँ समान, न कोई छोटा, न कोई बड़ा, सब का हो यहाँ सम्मान।

गरीबी का हो अंत, रोजगार का हो वर्धन, सभी को जीवन का समान, एकता की राह पर बढ़े कदम।

न्यायपालिका में हो समानता, विचार का हो निष्पक्ष फैसला, भ्रष्टाचार से हो मुक्त समाज, सपनों का हो एक सुंदर किला।

सभी का हो आदर, भाईचारा और समर्थन, एक भविष्य नया बने, भ्रष्टाचार मुक्त भारत की यह कहानी।

भ्रष्टाचार मुक्त भारत, विकसित राष्ट्र हमारा। सपना यह साकार हो, यही है हम सबका प्यारा।